हिंदुस्तान में दारा शिकोह ऐसे शाहज़ादे कम ही हुए. दरअसल दारा शिकोह उसी खोज में थे जिसकी शुरुआत अकबर ने अपने ज़माने में की थी यानी दीन-ए-इलाही. दारा शिकोह भी सभी धर्मों के निचोड़ की तलाश में थे और इस दिशा में काफ़ी काम किया. उनके इस कदम के बारे में बता रहे हैं लेखक और वरिष्ठ पत्रकार सईद नक़वी.
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