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सनातन परम्परा व हिंदू धर्म में मंगल प्रतीकों का विशेष महत्व है। किसी भी मांगलिक आयोजन में व किसी भी भवन, परिवार में इनके नित्य पूजन से सौभाग्य में वृद्धि होती है व किसी भी कार्य में बाधा, दुर्घटना से मुक्ति मिलती है व सभी कार्य मंगलमय तरीके से संपन्न होते हैं। आइये अब जानते हैं कि वो मंगल प्रतीक कौन कौन से हैं।
ॐ व स्वस्तिक इनमे सर्वोपरि मंगल प्रतीक है । यह संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रतीक है। यह ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक भी है और यह भू: लोक, भूव: लोक और स्वर्ग लोग का प्रतीक है। इनको शक्ति, सौभाग्य, समृद्धि और मंगल का प्रतीक माना जाता है। हर मंगल कार्य में इनको बनाया जाता है। इनमें गौरी, पृथ्वी, कच्छप और अनन्त देवताओं का वास होता है। आइये अब विस्तार से जानते हैं इन दोनों धार्मिक चिन्हों व प्रतिको के बारे में ज्योतिषाचार्य, धर्मज्ञ पंडित श्री वैभव नाथ शर्मा जी से ।
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