Vastu Treatment for Insights | Lord Ganesha | Dr. Khushdeep Bansal | गणेश के साथ अंतर्दृष्टि

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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में केवल एक ही गणेश होने चाहिए । अगर दो गणेश होंगे तो आदमी फ़ैसला नहीं कर पायेगा । क्योंकि ऐसा होने से जीवन में दोहरेपन आ जाता है ।
इतना समझे कि दूर अनदेशी होते हैं गणेश, ऐसा कोई व्यक्ति नहीं हुआ होगा जिसके हाथी के जैसा सिर लगा हो, एक सूंड, दो दांत हो । हाथी का सिर जोकि सबसे बड़ा सिर है और उनकी सूंड भी जो दूर से सूंघने की क्षमता रखती है। इतना समझे कि गणेश प्रतीक है बौद्ध का ।
जब आपको नए विचार चाहिए हो, नए अंतर्दृष्टि चाहिए हो, नई सोच चाहिए हो । जब ज़िन्दगी में कोई परेशानी सामने आए और आपको अपने विचार का दायरा बड़ा करने की ज़रूरत लगे, तब गणेश जी आपको एक ताक़त देते हैं, आपमें एक यक़ीन-विशवास पैदा करते हैं।
जो ज्ञान आपके पास हो वो कोई फ़ैसला लेने के लिए कम पड़ रहा हो तो उस समय में यदि उत्तर-पूर्व में गणेश जी लगा दिए जाए तो उससे आपके सोचने-समझने का दायरा बढ़ जाता है । वो आपको दूर अनदेशी दे देते हैं।
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MahaJyotish is for whole readability, or mathematical readability primarily based on Sankhya and Yog Sutras. Now, how can we learn a Horoscope? Who’s theAdheeshta Devta of Jyotish Shastra? Lord Ganesha. However why is Lord Ganesha referred to as the Adheeshta Devta of Jyotish Shastra or Astrology? It is because once I noticed the entire thing intuitively, I inferred that if we observe the nervous system within the human skeleton rigorously, we are going to discover that each one the Mind that we’ve is saved within the again aspect of our mind which resembles the form of Lord Ganesha. Therefore, it’s mentioned that bow earlier than Lord Ganesha and supply your salutations or meditate concentrating on Him earlier than finding out Jyotish Shastra or seeing a horoscope! So, whereas meditating on Lord Ganesha, you might be really mapping your personal nervous system to get the correct Insights, and Insights play a key position in finding out MahaJyotish. Thus, invoking or praying Lord Ganesha is a should to check Jyotish Shastra or MahaJyotish!

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