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Why Bhagwan Vishnu Says Narayan | Bhagwan Vishnu Actual Title | Indian God



Have you ever ever questioned why Lord Vishnu is known as Narayana? Let’s know. Within the Puranas, it’s written about Lord Vishnu that “Shantakar Bhujagashyan” signifies that Vishnu is mendacity on the Sheshnag.

this incarnation of Vishnu, the primary query involves thoughts that how can one lie down on a Shashnag so simply? A direct reply is available in thoughts that since they’re God, it’s all doable for them.

However what’s the secret behind laying on their shawshnag? Perceive this. All of us have accountability for household, society and surroundings.

Nonetheless, with a purpose to fulfill all these duties, all need to endure many issues that are as harmful because the Sheshnag.

Vishnu’s face and hand point out to us that we must always preserve endurance even in tough occasions. With some efforts we are able to overcome the troubles.

In response to Hindu beliefs, Narada Muni all the time used to name Vishnu God’s title Narayan-Narayana. Since then, Lord Vishnu has been known as Narayana. Therefore Vishnu’s title is Narayan

For instance, names like Satyanarayan, Ananthanarayana, Lakshminarayan, Seshanarayan and Dhuvarnarayan and so on. are included on this sequence.

क्‍या आपने कभी सोच है कि भगवान विष्‍णु को नारायण क्‍यों कहा जाता है? आइये जानते हैं। पुराणों में भगवान विष्‍णु के बारे में लिखा है कि “शान्ताकारं भुजगशयनं” जिसका अर्थ होता है कि विष्‍णु शेषनाग पर लेटे हुए हैं।
विष्‍णु के इस अवतार को देखकर पहला प्रश्‍न मन में आता है कि कोई शेषनाग के ऊपर इतनी आराम से कैसे लेट सकता है। एक तत्‍काल जवाब यही मन में आता है कि चूंकि वे भगवान हैं इसलिए उनके लिए सब संभव है।

लेकिन उनके शेषनाग पर लेटने के पीछे क्‍या राज़ है? इसे ऐसे समझें। परिवार, समाज और पर्यावरण के प्रति हमारे सबके दायित्‍व हैं।
हालांक‍ि इन सभी कर्तव्‍यों को पूरा करने के लिए सभी को अनेक परेशानियों से गुज़रना पड़ता है जो कि शेषनाग के समान ही खतरनाक हैं।
विष्‍णु भगवान का चेहरा और हाथ हमें संकेत देता है कि हमें मुश्किल समय में भी धैर्य बनाकर रखना चाहिये। कुछ प्रयासों से हम मुसीबतों पर विजय प्राप्‍त कर सकते हैं।
हिंदू मान्‍यताओं के अनुसार नारद मुनि हमेशा विष्‍णु भगवान का नाम नारायण-नारायण बोलकर पुकारते थे। इसके बाद से विष्‍णु भगवान को नारायण कहा जाने लगा है। इसलिए विष्‍णु का नाम है नारायण
उदाहरण के लिए, सत्‍यनारायण, अनंतनारायण, लक्ष्‍मीनारायण, शेषनारायण और धुव्रनारायण आदि नाम इस क्रम में शामिल हैं।

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